महात्मा गांधी वार्ड क्रमांक 8 के पार्षद सावित्री भारत धीवर अपमानित महसूस होने पर शिकायत करने विधानसभा थाना पहुंची !

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महात्मा गांधी वार्ड क्रमांक 8 के पार्षद सावित्री भारत धीवर अपमानित महसूस होने पर शिकायत करने विधानसभा थाना पहुंची

रायपुर: बात करते सड्डू महात्मा गांधी वार्ड क्रमांक 8 के पार्षद सावित्री भारत धीवर जी जो की कुछ महीने पहले पार्षद चुनाव में सावित्री भारत धीवर निर्दलीय चुनाव लड़ा और विजय प्राप्त किया, उसके बाद सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने उसे बीजेपी में शामिल किया और पेपर न्यूज़ में सभी प्रदेश वासी को इसकी जानकारी दिया गया, अब भगवान जगन्नाथ यात्रा का बधाई संदेश के लिए पोस्टर बनाया गया जिसमें महात्मा गांधी वार्ड के पार्षद सावित्री भारत धीवर का पोस्टर में फोटो डालने के बाद उसे दो फोटो पार्षद सावित्री धीवर और पार्षद प्रतिनिधि का फोटो को टेप चिपका कर उसे जगह जगह प्रचार किया गया | पार्षद को जानकारी मिलते ही थाना पहुंचा |

क्या है मामला क्या तर्क हो सकता है जानने की प्रयास करते हैं ?

इस फोटो में जो पोस्टर दिख रहा है उसमें नीचे दाईं ओर पार्षद सावित्री भारत धीवर जी की फोटो टेप से चिपकाई गई प्रतीत हो रही है।

📌 टेप से फोटो चिपकाने का मतलब क्या हो सकता है?

  1. बिना सहमति में नाम/फोटो जोड़ना:
    जब किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उनका नाम या फोटो किसी पोस्टर में जोड़ना होता है, तो कई बार अस्थाई रूप से टेप या प्रिंट कटआउट का उपयोग किया जाता है। यह दर्शाता है कि उन्हें आखिरी समय में जबरन या बिना जानकारी के जोड़ा गया है।
  2. राजनीतिक स्टंट या दिखावा:
    इस तरह की चिपकाई गई फोटो यह संकेत भी दे सकती है कि आयोजक केवल नाम जोड़कर यह दिखाना चाहते हैं कि वह व्यक्ति (यहाँ पार्षद) इस कार्यक्रम का हिस्सा है – भले ही उन्होंने इसमें स्वीकृति न दी हो।
  3. छवि धूमिल करने का प्रयास:
    यदि सावित्री भारत धीवर जी इस कार्यक्रम से सहमत नहीं थीं, तो उनकी फोटो जोड़ना उनके नाम का दुरुपयोग माना जा सकता है। इससे उनकी सार्वजनिक छवि पर असर पड़ सकता है।
  4. सबूत के तौर पर उपयोग:
    टेप से चिपकाई फोटो यह भी दर्शाता है कि यह कोई अधिकृत या आधिकारिक प्रिंट नहीं है, और यह आगे शिकायत या आपत्ति का आधार भी बन सकता है – जैसा कि उन्होंने पुलिस थाने में किया।

🔍 निष्कर्ष:

टेप से चिपकाई गई फोटो यह दर्शाती है कि पार्षद सावित्री भारत धीवर जी का नाम और फोटो बिना उनकी अनुमति के शामिल किया गया, जो कि मानहानि और विश्वासघात की श्रेणी में आ सकता है। यही कारण है कि उन्होंने थाना में जाकर शिकायत दर्ज करवाई।

इस फोटो में जो पोस्टर दिख रहा है उसमें नीचे दाईं ओर पार्षद सावित्री भारत धीवर जी की फोटो टेप से चिपकाई गई प्रतीत हो रही है।

📌 टेप से फोटो चिपकाने का मतलब क्या हो सकता है?

  1. बिना सहमति में नाम/फोटो जोड़ना:
    जब किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उनका नाम या फोटो किसी पोस्टर में जोड़ना होता है, तो कई बार अस्थाई रूप से टेप या प्रिंट कटआउट का उपयोग किया जाता है। यह दर्शाता है कि उन्हें आखिरी समय में जबरन या बिना जानकारी के जोड़ा गया है।
  2. राजनीतिक स्टंट या दिखावा:
    इस तरह की चिपकाई गई फोटो यह संकेत भी दे सकती है कि आयोजक केवल नाम जोड़कर यह दिखाना चाहते हैं कि वह व्यक्ति (यहाँ पार्षद) इस कार्यक्रम का हिस्सा है – भले ही उन्होंने इसमें स्वीकृति न दी हो।
  3. छवि धूमिल करने का प्रयास:
    यदि सावित्री भारत धीवर जी इस कार्यक्रम से सहमत नहीं थीं, तो उनकी फोटो जोड़ना उनके नाम का दुरुपयोग माना जा सकता है। इससे उनकी सार्वजनिक छवि पर असर पड़ सकता है।
  4. सबूत के तौर पर उपयोग:
    टेप से चिपकाई फोटो यह भी दर्शाता है कि यह कोई अधिकृत या आधिकारिक प्रिंट नहीं है, और यह आगे शिकायत या आपत्ति का आधार भी बन सकता है – जैसा कि उन्होंने पुलिस थाने में किया।

🔍 निष्कर्ष:

टेप से चिपकाई गई फोटो यह दर्शाती है कि पार्षद सावित्री भारत धीवर जी का नाम और फोटो बिना उनकी अनुमति के शामिल किया गया, जो कि मानहानि और विश्वासघात की श्रेणी में आ सकता है। यही कारण है कि उन्होंने थाना में जाकर शिकायत दर्ज करवाई।

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