बलौदाबाजार थाना प्रभारी अजय झा के खिलाफ गंभीर आरोपों की गूंज राजधानी तक बलौदाबाजार प्रेस क्लब ने सौंपा ज्ञापन, निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग !

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बलौदाबाजार थाना प्रभारी अजय झा के खिलाफ गंभीर आरोपों की गूंज राजधानी तक बलौदाबाजार प्रेस क्लब ने सौंपा ज्ञापन, निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग

मिथलेश वर्मा/बलौदाबाजार।

बलौदाबाजार जिला मुख्यालय के सिटी कोतवाली में लम्बे समय से पदस्थ थाना प्रभारी अजय झा के विरुद्ध नागरिकों और पत्रकारों द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों ने अब राजधानी रायपुर तक दस्तक दे दी है। आम जनता की आवाज बनकर बलौदाबाजार प्रेस क्लब के प्रतिनिधिमंडल ने रायपुर पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंकराम वर्मा, छत्तीसगढ़ पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज अमरेश मिश्रा से मुलाकात की तथा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, गृहमंत्री विजय शर्मा एवं रायपुर लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल को ज्ञापन दिया ।

प्रतिनिधिमंडल ने अजय झा के विरुद्ध अनुशासनहीनता, पद के दुरुपयोग और आम नागरिकों व पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार के गंभीर आरोपों की विस्तृत जानकारी देते हुए एक लिखित ज्ञापन सौंपा और निष्पक्ष जांच व कठोर कार्रवाई की मांग की।

अनुशासनहीनता एवं तानाशाही व्यवहार के आरोप

ज्ञापन में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि अजय झा का व्यवहार पूरी तरह तानाशाहीपूर्ण हो गया है। वे आम नागरिकों से असभ्य भाषा में बात करते हैं, और पत्रकारों को उनके कार्य में बाधा डालते हुए मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। कई बार लोगों से शिकायत आती रहती है कि थाना परिसर में आने पर उनसे दुर्व्यवहार किया गया और उनकी बातों को गंभीरता से नहीं सुना गया। यह व्यवहार पुलिस की सेवा भावना एवं जनसंपर्क नीति के विपरीत है, जिससे आम लोगों में भय का माहौल उत्पन्न हो गया है।

राजनीतिक संबंधों का प्रभाव दिखाकर धमकाना

टी आई अजय झा बार-बार यह दावा करते हैं कि उनके संबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शीर्ष पदाधिकारियों से पारिवारिक स्तर पर हैं। वे आरएसएस नेताओं के साथ खिंचवाई गई फोटो दिखाकर आम नागरिकों और पत्रकारों पर मानसिक दबाव बनाते हैं। यह एक प्रकार से पद के प्रभाव और राजनीतिक रिश्तों का दुरुपयोग है, जिससे ना केवल जनता डरती है बल्कि स्वतंत्र रूप से शिकायत करने का साहस भी नहीं कर पाती।

प्रेस क्लब पदाधिकारियों के साथ अभद्रता और झूठे केस की धमकी

दिनांक 26 जून 2025 को बलौदाबाजार प्रेस क्लब के पंजीकृत पदाधिकारियों को बिना लिखित सूचना के तीन बार थाना बुलाया गया। उन्हें घंटों बिठाकर झूठे मामलों में फंसाने की खुली धमकी दी गई। जब पदाधिकारियों ने इसका कारण पूछते हुए लिखित कारण मांगा, तो थाना प्रभारी ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया और गंभीर धमकियाँ दीं। प्रतिनिधियों ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम की सीसीटीवी फुटेज सिटी कोतवाली में उपलब्ध है, जिसे जांच के लिए सुरक्षित किया जाना चाहिए।

आगजनी के बाद भी पद पर जमे रहना — संदेहास्पद स्थिति

दिनांक 10 जून 2024 को बलौदाबाजार में भीषण आगजनी की घटना हुई थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने तत्कालीन कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित कई जिम्मेदार अधिकारियों का तबादला किया था। किंतु अजय झा आज भी अपने पद पर बने हुए हैं, जिससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि वे अपने राजनीतिक संबंधों का लाभ उठाकर खुद को बचा रहे हैं। इस बात ने लोगों के बीच यह धारणा बना दी है कि कानून केवल आम जनता के लिए है, जबकि प्रभावशाली लोग उससे ऊपर हैं।

अवैध गतिविधियों को संरक्षण देने के आरोप

बलौदाबाजार में अवैध शराब की बिक्री,चोरी, सट्टा, नशाखोरी, सट्टा-पट्टी जैसे अवैध कार्यों में लगातार वृद्धि हो रही है। ज्ञापन में कहा गया है कि इन गतिविधियों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती, बल्कि संरक्षण देने का आरोप भी लगाए गए हैं। जब कोई पत्रकार या जागरूक नागरिक इन अवैध कार्यों के खिलाफ आवाज उठाता है, तो उसे डराया-धमकाया जाता है और झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश की जाती है। इससे कानून व्यवस्था, जनविश्वास एवं लोकतंत्र की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिकूल असर पड़ा है।

बलौदाबाजार प्रेस क्लब ने ज्ञापन के माध्यम से निम्नलिखित मांगें प्रस्तुत की हैं

थानेदार अजय झा के विरुद्ध लगे आरोपों की जांच स्वतंत्र एवं निष्पक्ष एजेंसी द्वारा की जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषी को दंड मिल सके।
थाना परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को तत्काल सुरक्षित किया जाए और प्रेस क्लब के पदाधिकारियों के साथ हुए दुर्व्यवहार की वीडियो पुष्टि की जाए। जांच पूरी होने तक अजय झा को वर्तमान पद से हटाया जाए ताकि वे जांच को प्रभावित न कर सकें। इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए ठोस नीति एवं कार्यप्रणाली तैयार की जाए ताकि आम नागरिकों और पत्रकारों को डर न लगे। पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ताकि वे स्वतंत्र रूप से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।

उत्पीड़न केंद्र बनता जा रहा बलौदाबाजार कोतवाली

पीड़ित जब न्याय की उम्मीद लेकर बलौदाबाजार सिटी कोतवाली पहुँचते हैं, तो वहां का माहौल और थाना प्रभारी अजय झा का व्यवहार उन्हें और अधिक भयभीत कर देता है। शिकायत सुनने की बजाय वह इतना अशोभनीय और धमकीभरा व्यवहार करते हैं कि पीड़ित अपनी बात भी नहीं रख पाते। परिणामस्वरूप, कई लोग डर के मारे शिकायत किए बिना ही वापस लौट जाते हैं और थाना आने पर पछतावा करते हैं। यह स्थिति कानून व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है। ऐसी हरकतें न केवल एक पुलिस अधिकारी के कर्तव्यों और आचरण पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि संवेदनशील पदों पर बैठे व्यक्तियों द्वारा किया गया दुरुपयोग आम जनता के अधिकारों और लोकतांत्रिक व्यवस्था को किस प्रकार प्रभावित कर सकता है।

ज्ञापन सौंपे जाने के बाद माननीय विधानसभा अध्यक्ष, केबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा व संबंधित अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए उचित एवं आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। बलौदाबाजार प्रेस क्लब ने विश्वास जताया है कि लोकतंत्र में कानून का शासन सर्वोपरि है और जल्द ही इस मामले में सच्चाई सामने आकर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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