आज विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस पर रायपुर में किया गया आयोजन
15 मार्च 2025 को राजधानी रायपुर के बिहान अस्पताल के पास चांदनी चौक में एक दिवसीय कार्यक्रम अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्थान संगठन रायपुर द्वारा रखा गया जिसमे विशेष रूप से संगठन के राष्ट्रीय महासचिव चितरंजन पर्वत जी, प्रदेश अध्यक्ष खुलेश वर्मा एवं प्रदेश कोषाध्यक्ष चौधरी जी कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में विशेष अतिथियों के द्वारा कार्यकर्ताओं को कार्ड एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। सभी लोगों ने अपने अपने विचार इस संगठन को मजबूत करने मंच पर साझा किए। बलौदा बाजार जिले का कमान जिलाध्यक्ष के रूप में मिथलेश वर्मा को बनाया गया।रायपुर जिलाध्यक्ष दुर्गेश वर्मा ने कार्यक्रम में शामिल हुए सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का महत्व
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस इसलिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह आम जनता के उपभोक्ता अधिकारों को पहचानने और उन पर कार्रवाई करने का दिन है। इसके अलावा, एक उपभोक्ता के रूप में यह प्रत्येक व्यक्ति की एक आवश्यक अभिव्यक्ति है, क्योंकि वे सकारात्मक कदम उठाते हैं जो सभी को प्रभावित करते हैं।
क्यों मनाया जाता है विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को मनाया जाता है यह दिन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा 15 मार्च 1962 को अमेरिकी कांग्रेस में बोलते हुए उपभोक्ता अधिकारों पर दिए गए भाषण से प्रेरित था बाद में इस दिन को उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में प्रस्तावित किया,
प्रत्येक 15 मार्च को उपभोक्ता आंदोलन और विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस उपभोक्ता अधिकारों और जरूरतों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर है। जो सभी उपभोक्ताओं के अधिकारों का सम्मान किए जाने और उनकी रक्षा की वकालत करता है।
इसके आलावा यह दिन बाजार के दुरुपयोग और उन अधिकारों को कमजोर करने वाले सामाजिक अन्याय तथा बाज़ार में होने वाली ठगी, मिलावट, MRP से ज्यादा दाम, बिना तोले समान बेचना या नापतोल में गड़बड़ी, गारंटी के बाद भी सर्विस न देना। तथा एक्सपायरी डेट या सील टूटी हुई वस्तुएं बेचने अथवा बिल ना देने व धोखाधड़ी जैसे अपराधों का विरोध करता है।
सुरक्षा का अधिकार।
सूचित किए जाने का अधिकार।
चुनने का अधिकार।
सुने जाने का अधिकार।
समस्या के समाधान का अधिकार।
उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार।
जानें भारत उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के बारे में
भारत उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 20 जुलाई 2020 को लागू हुआ, और पुराने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 का स्थान ले लिया। इस अधिनियम के कुछ आवश्यक विवरण इस प्रकार हैं:
इस अधिनियम ने ग्राहक विवादों और प्रशासन के निपटारे के तरीके को बदल दिया है।
इसके अलावा, यह अधिनियम खाद्य पदार्थों में मिलावट और विक्रेताओं द्वारा किए गए किसी भी भ्रामक विज्ञापन के लिए सख्त जेल अवधि को लागू करता है।
अन्य बातों के अलावा, यह अधिनियम पूरे वर्ग के उपभोक्ता के अधिकारों को बढ़ावा देने और लागू करने के लिए एक सीसीपीए (केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण) की स्थापना का भी प्रस्ताव करता है।
सीसीपीए ग्राहकों को अनुचित व्यापार प्रथाओं से बचाने के लिए भी हस्तक्षेप कर सकता है।
इसके अलावा, यह निकाय उत्पादों की वापसी, वापसी और रिफंड की मांग को लागू कर सकता है।
उपभोक्ता सीसीपीए में भी शिकायत दर्ज करा सकता है। उन्हें अपने मामले के लिए वकील नियुक्त करने की आवश्यकता नहीं है।
